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| <br>
| | | عنوان = أیها الولد |
| ''آخرین مرتبه این صفحه در تاریخ زیر تغییر یافته است: ''{{#time:H:i، j F Y|{{REVISIONTIMESTAMP}}}}؛
| | | تصویر = کتاب ایها الولد.jpg |
| | | نام = أیها الولد |
| | | پدیدآوران = [[محمد غزالی|ابوحامد غزالی]] |
| | | زبان = |
| | | زبان اصلی = [[زبان عربی|عربی]] |
| | | ترجمه = |
| | | سال نشر = 1975 م |
| | | ناشر = دار شروق |
| | | تعداد صفحه = |
| | | موضوع = [[اسلام]]، [[اخلاق]]، آداب معاشرت |
| | | شابک = |
| | }} |
| | کتاب '''أیها الولد''' رسالهای از امام ابوحامد [[غزالی]] (متوفی 505 هجری قمری) که مجموعهای از پندها و دستورات غزالی به یکی از شاگردانش که در آن راه و روش درست زندگی کردن را میآموزد. |
| | == بخشی از کتاب == |
| | === مقدمه === |
| | در مقدمهٔ کتاب آمده است: |
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| <noinclude> | | «اعلم أن واحدًا من الطلبة المتقدمین لازَمَ خدمة الشیخ الإمام زین الدین حجة الإسلام أبی حامد محمد بن محمد الغزالی قدس الله روحه، واشتغل بالتحصیل وقراءة العلم علیه حتی جمع من دقائق العلوم، واستکمل من فضائل النفس، ثم إنه فکَّر یوما فی حال نفسه وخطر علی باله فقال: إنی قرأت أنواعًا من العلوم، وصرفت رَیْعَانَ عمری علی تعلمها وجمعها، فالآن ینبغی أن أعلم أی نوعها ینفعنی غدًا ویؤانسنی فی قبری، وأیها لا ینفعنی حتی أترکه؛ قال رسول الله: «اللَّهُمَّ إِنِّی أَعُوذُ بِکَ مِنْ عِلْمٍ لاَ یَنْفَعُ».»<br> |
| </div>
| | == نوشتن این رساله در پاسخ == |
| <div class="wikiInfo">[[پرونده:کتاب اساس القیاس.jpg|جایگزین=کتاب اساس القیاس|بندانگشتی|کتاب اساس القیاس]]
| | فکتب الغزالی رسالة '''«أیها الولد المحب»''' فی جوابه. وخلاصة الرسالة أن الغزالی ینصح الناشئین ألا یطلبوا العلم لنیل أغراض الدنیا والمباهاة علی الأقران بل أن یقصدوا إحیاء الشریعة وتهذیب الأخلاق ویذکرهم بأن «العلم بلا عمل جنون والعمل بلا علم لا یکون». ویبدو أن الرسالة کتبها الغزالی بالأصل بالفارسیة ووردت باسم '''«فرزند نامه»''' و '''«نصیحت نامه»'''، حیث قال المرتضی الزبیدی «ومنها [أی مؤلفات الغزالی] '''«أیها الولد»''' وهی فارسیة عربها بعض العلماء، وسماه بهذا الاسم المشهور». وقد طُبع المتن الفارسی باعتناء عباس الاقبال. |
| {| class="wikitable aboutAuthorTable" style="text-align:Right" |+ |نام
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| !نام نويسنده
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| | ابو حامد غزالى
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| |-
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| |موضوع
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| |اخلاق ـ آداب
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| |-
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| |زبان کتاب
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| |عربى
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| |-
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| |ناشر
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| | دار الكتب العلمية
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| |-
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| |سال نشر
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| |1409 ق
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| |تعداد جلد
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| |تک جلدی
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| |-
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| |تعداد صفحات
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| |192 صفحه
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| |مکان چاپ
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| | بيروت
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| |}
| | == چاپهای کتاب == |
| </div>
| | این رساله مستقل و یا ضمیمیه به کتاب دیگر ازجمله کتاب: «الجواهر الغوالی» چاپ شده و به صورت متعدد در [[قاهره]]، [[بغداد]]، [[دمشق]] به چاپ رسیده است. |
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| کتاب '''أيها الولد''' رسالهای است از امام ابوحامد [[غزالی]] (متوفی 505 هجری قمری) که مجموعهای از پندها و دستورات غزالی به یکی از شاگردانش است که در آن راه و روش درست زندگی کردن را میآموزد. | | == شرحهای این کتاب == |
| | بر کتاب '''أیها الولد''' شرحهای متعددی زده شده است که از جمله: |
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| [1] [2]
| | * کتاب: «أیها الأخ: شرح رسالة أیها الولد للإمام الغزالی» که ''عبدالرحمن الرومی'' مشهور به بصبری نوشته است. |
| •
| | * کتاب: «سراج الظلمات شرح رسالة أیها الولد للإمام الغزالی» که ''أبی سعید الخادمی'' نوشته است. |
| تعريف بالرسالة
| | * کتاب: «تحفة الأبرار شرح أیها الولد المحب للإمام الغزالی» که ''نور الدین قوطیط'' تالیف نموده است. |
| جاء في مقدمة الرسالة:
| | * کتاب: «واصلة المدد در شرح ایها الولد» که ''خالدی المخزومی'' الملقب بسلطان العلماء که به [[زبان فارسی]] نوشته شده است. |
| «اعلم أن واحدًا من الطلبة المتقدمين لازَمَ خدمة الشيخ الإمام زين الدين حجة الإسلام أبي حامد محمد بن محمد الغزالي قدس الله روحه، واشتغل بالتحصيل وقراءة العلم عليه حتى جمع من دقائق العلوم، واستكمل من فضائل النفس، ثم إنه فكَّر يوما في حال نفسه وخطر على باله فقال: إني قرأت أنواعًا من العلوم، وصرفت رَيْعَانَ عمري على تعلمها وجمعها، فالآن ينبغي أن أعلم أي نوعها ينفعني غدًا ويؤانسني في قبري، وأيها لا ينفعني حتى أتركه؛ قال رسول الله: «اللَّهُمَّ إِنِّى أَعُوذُ بِكَ مِنْ عِلْمٍ لاَ يَنْفَعُ».»
| | * کتاب: «شرح أیها الولد للإمام الغزالی» که نویسندهٔ آن نامعلوم است ولی جناب ''محمد هادی الشمرخی الماردینی'' توسط انتشارات دار الکتب العلمیة آن را چاپ کرده است. |
| فكتب الغزالي رسالة «أيها الولد المحب» في جوابه.
| | * کتاب: شرح أیها الولد:که ''محمد سامر النص'' که ضمن دروس خود به شرح آن پرداخته است. |
| وخلاصة الرسالة أن الغزالي ينصح الناشئين ألا يطلبوا العلم لنيل أغراض الدنيا والمباهاة على الأقران بل أن يقصدوا إحياء الشريعة وتهذيب الأخلاق ويذكرهم بأن «العلم بلا عمل جنون والعمل بلا علم لا يكون».ويبدو أن الرسالة كتبها الغزالي بالأصل بالفارسية ووردت باسم «فرزند نامه» و«نصيحت نامه»، حيث قال المرتضى الزبيدي «ومنها [أي مؤلفات الغزالي] «أيها الولد» وهي فارسية عربها بعض العلماء، وسماه بهذا الاسم المشهور». وقد طُبع المتن الفارسي باعتناء عباس الاقبال.
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| طبعاتها
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| غلاف الطبعة الأولى من «الجواهر الغوالي» وهي تشتمل على سبعة رسائل للغزالي احداها رسالة «أيها الولد» - القاهرة، 1343 هـ.
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| طبعت الرسالة مرات عديدة، ومن هذه الطبعات:
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| • «رسالة أيها الولد» في: مجموعة الرسائل، جمعها محيي الدين صبري الكردي - مطبعة كردستان العلمية، القاهرة، 1328هـ/ 1910م. طُبعت على نفقة الشيخ فرج الله الكردي.
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| • ضمن مجموعة «الجواهر الغوالي من رسائل الإمام حُجة الإسلام الغزالي» - طبعت على نفقة محيى الدين صبري الكردي، المطبعة العربية لصاحبها خير الدين الزركلي، القاهرة، الطبعة الأولى 1343هـ.
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| • «أيها الولد المحب! : رسالة من الفيلسوف حجة الإسلام أبي حامد محمد الغزالي (451-505هـ، 1058-1111م)» تحقيق عبد الله أحمد أبو زينة - دار الشروق، القاهرة، الطبعة الأولى 1975م والثانية 1400هـ/1980م والثالثة 1401هـ/1981م والرابعة 1403هـ/1983م.
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| • «أيها الولد» تحقيق أحمد مطلوب - وزارة الأوقاف والشؤون الدينية، بغداد، 1406هـ/1986م.
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| • «أيها الولد» تحقيق صباح محمد علي كاظم - مطبعة العاني، بغداد، الطبعة الأولى 1408هـ/1988م.
| |
| • «أيها الولد : رسالة الإمام الغزالي إلى تلميذه» تحقيق محمد محيي الدين عبد الحميد - مكتبة الخدمات الحديثة، جدة، الطبعة الأولى 1414هـ/1994م.
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| • «أيها الولد» تحقيق على محي الدين القرة داغي - دار الاعتصام، القاهرة، الطبعة الثانية 1405هـ/1985م.
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| • «أيها الولد»: تحقيق: عبد الله شيخ حسين, دار البيروتي, دمشق, الطبعة الأولى, 1442هـ/2020م.
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| شروحها
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| وللرسالة عدة شروح، منها:
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| • «أيها الأخ: شرح رسالة أيها الولد للإمام الغزالي» لعبد الرحمن الرومي الشهير بصبري (ت. 1139هـ)، ألفه سنة 1117هـ.
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| • «سراج الظلمات شرح رسالة أيها الولد للإمام الغزالي» لأبي سعيد الخادمي (ت. 1176هـ).
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| • «تحفة الأبرار شرح أيها الولد المحب للإمام الغزالي» لنور الدين قوطيط.
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| • «واصلة المدد در شرح ايها الولد» للخالدي المخزومي الملقب بسلطان العلماء، وهي باللغة الفارسية.
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| • «شرح أيها الولد للإمام الغزالي» لمؤلف مجهول، عمل على نشره محمد هادي الشمرخي المارديني (دار الكتب العلمية، 2012م).
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| • شرح أيها الولد: للشيخ محمد سامر النص, شرحها ضمن سلسلة دروس ألقاها في بريطانيا, موجودة على موقع يوتيوب.
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| كما اختصرها محمد بن عمر بن قاسم بن إسماعيل المقرئ الشافعي المعروف بالبقري (ت. 1111هـ)،
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| بعنوان «نصائح البقري»، مخطوط [72] 4464 بالأزهر.
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| ترجماتها
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| الألمانية
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| • نُشر النص العربي لأول مرة من قبل المستشرق هامر برجشتل، إلى جانب ترجمة ألمانية، في فينة سنة 1838م.
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| O Kind! Die berühmte ethische Abhandlung Ghasali's. Arabisch und deutsch, von Hammer-Purgstall. Wien, 1838
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| التركية
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| • جاء في كشف الظنون أن الأمير مصطفى بن علي المشهور بعالي الشاعر ترجمها إلى التركية وسمى المترجم بتحفة الصلحاء.
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| كما ذكر البدوي أن النص العربي طُبع مع ترجمة تركية لمحمد رشيد، قازان، 1905م.
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| الأردية
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| • صدرت ترجمة أردية عن دار الاشاعت، باكستان.
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| الإنكليزية
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| غلاف ترجمة توبايس ماير الإنكليزية.
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| • صدرت نسخة عربية - إنكليزية في بيروت (المطبعة الكاثوليكية) سنة 1951م، ترجمها جورج شيرر.
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| O disciple / al-Ghazali ; translated by George H. Scherer ; with an introd. by the translator. Beirut : Catholic Press, 1951
| |
| • كما ترجمها إلى الإنكليزية توبايس ماير - جمعية النصوص الإسلامية، كمبريدج، 2005م.
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| Al-Ghazālī's letter to a disciple ; bilingual English-Arabic edition translated with an introduction & notes by Tobias Mayer. ; Ghazzali; Tobias Mayer Cambridge : Islamic Texts Society, 2005
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| الفرنسية
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| • ترجمها إلى الفرنسية توفيق صباغ باسم Lettre au disciple : (Ayyuhā ʹl-walad) by Ghazzālī - اللجنة الدولية لترجمة الروائع، بيروت 1969م.
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| الإسبانية
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| ترجمت إلى الإسبانية ونُشِرَتْ في بيروت سنة 1951م.
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| O Hijo - Esteban Lator, Beyrouth :Imprimerie Catholique, 1951.
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| الإندونيسية
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| ترجمت إلى الإندونيسية ونُشِرَتْ في جاكارتا سنة 2020م.
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| “Wahai Anakku” (terjemah “Ayyuhal Walad” karya Imam Al-Ghazali oleh Halimah Alaydrus). Wafa Production, 1 April 2020.
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| الجاوية
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| ترجمت إلى الجاوية ونُشِرَتْ في باسورووان جاوى الشرقية سنة 2020م.
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| “Ayyuhal Walad” (terjemah Bahasa Jawa “Ayyuhal Walad” karya Imam Al-Ghazali oleh Ning Siti Khurrotin). Pondok Pesantren Ngalah, 30 Juli 2020.
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| الهامش
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| 1.
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| • "أيها الولد ... للإمام الغزالي". الجزيرة. 4/1/1433 هـ - الموافق 30/11/2011 م. مؤرشف من الأصل في 24 أبريل 2012. اطلع عليه بتاريخ كانون 2013 م.
| |
| • • Ngaji Online Kitab Ayyuhal Walad bersama Ustadzah Halimah Alaydrus (Eps. 01), اطلع عليه بتاريخ 18 ديسمبر 2021
| |
| • • "أيها الولد المحب". موقع الصوفية. مؤرشف من الأصل في 4 مارس 2016. اطلع عليه بتاريخ كانون 2013 م.
| |
| • • "الغزالي، أبو حامد محمد". الموسوعة العربية الميسرة. موسوعة شبكة المعرفة الريفية. 1965. مؤرشف من الأصل في 26 أبريل 2020. اطلع عليه بتاريخ شباط 2013.
| |
| • • بدوي، صفحات 179
| |
| • • الذريعة - آقا بزرگ الطهراني - ج 22 - الصفحة 172
| |
| • • معجم المطبوعات العربية - اليان سركيس - ج 2 - الصفحة 1984 نسخة محفوظة 16 ديسمبر 2019 على موقع واي باك مشين.
| |
| • • الزركلي, خير الدين (أيار 2002 م). الأعلام - ج 7 (الطبعة الخامسة عشر). بيروت: دار العلم للملايين. صفحة 68. مؤرشف من الأصل في 09 ديسمبر 2019.
| |
| • • الزركلي, خير الدين (أيار 2002 م). الأعلام - ج 7 (الطبعة الخامسة عشر). بيروت: دار العلم للملايين. صفحة 7. مؤرشف من الأصل في 09 ديسمبر 2019.
| |
| • • بدوي، صفحات 182
| |
| • • سركيس, يوسف اليان. معجم المطبوعات العربية والمعربة - الجزء الأول. القاهرة: مكتبة الثقافة الدينية. صفحة 1412. مؤرشف من الأصل في 28 مايو 2016.
| |
| • • العقيقي, نجيب (2006 م). المتسشرقون - الجزء الثاني (الطبعة الخامسة). القاهرة: دار المعارف. صفحة 275. مؤرشف من الأصل في 16 ديسمبر 2019.
| |
| • • خليفة, حاجي. كشف الظنون عن أسامي الكتب والفنون - ج 1. بيروت: دار إحياء التراث العربي. صفحة 216. مؤرشف من الأصل في 09 ديسمبر 2019.
| |
| • • بدوي، صفحات 183
| |
| • • "Complete list of UNESCO's literature series" (PDF). The Courier (باللغة الإنكليزية). UNESCO: 22. 1957. مؤرشف من الأصل (PDF) في 4 مارس 2016.
| |
| • • Bedah Buku Ayyuhal Walad karya Imam Al Ghazali penerjemah Ustadzah Halimah Alaydrus, مؤرشف من الأصل في 7 ديسمبر 2021, اطلع عليه بتاريخ 07 ديسمبر 2021
| |
| • • "Terjemahan Kitab Ayyuhal Walad". Terjemahan Kitab Ayyuhal Walad. مؤرشف من الأصل في 9 ديسمبر 2021. اطلع عليه بتاريخ 09 ديسمبر 2021.
| |
| • • "Ngaji Online Kitab Ayyuhal Walad bersama Ustadzah Halimah Alaydrus - YouTube". www.youtube.com. اطلع عليه بتاريخ 18 ديسمبر 2021.
| |
| 19. • "Ngaji Online Kitab Ayyuhal Walad bersama Ning Siti Khurrotin, M.Pd. - YouTube". www.youtube.com. مؤرشف من الأصل في 8 ديسمبر 2021. اطلع عليه بتاريخ 07 ديسمبر 2021.
| |
| المراجع
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| • بدوي, عبد الرحمن (1977), مؤلفات الغزالي (الطبعة الثانية), الكويت: وكالة المطبوعات________________________________________
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|
| | و همچنین توسط ''محمد بن عمر بن قاسم بن اسماعیل مقری'' [[شافعی]] معروف به البقری با عنوان «نصایح الباقری» در [[الازهر]] تلخیص شد. |
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| | == ترجمههای این کتاب == |
| تعریف پیام
| | === آلمانی === |
| در مقدمه نامه آمده بود:
| | '''هامر برگستل''' شرقشناس، متن عربی را برای اولین بار به همراه ترجمه آلمانی در سال 1838 منتشر کرد<ref>سرکیس، یوسف الیان. فرهنگ انتشارات عربی و عربی - قسمت اول. قاهره: کتابخانه فرهنگ دینی. صفحه 1412.</ref>. |
| «بدان که یکی از طلاب پیشرفته خدمت شیخ امام زین الدین حجه الاسلام ابوحامد محمد بن محمد غزالی رضوان الله تعالی علیه و با جمع آوری و خواندن علم بر او کار کرد. تا از ظرایف علم جمع آوری کرد و فضایل نفس را تکمیل کرد، آنگاه روزی به حال خود و خطری که او را تهدید می کند فکر کرد و گفت: من انواع علوم خوانده ام و بیشتر خرج کرده ام. از عمرم بر آموختن و جمعآوری آنها، پس باید بدانم که فردا کدام یک به من سود میرساند و در قبرم به من آرامش میدهد، و کدامیک تا زمانی که آن را ترک نکنم به من سودی نمیرساند. رسول خدا صلی الله علیه و آله فرمود: خدایا از دانشی که فایده ای ندارد به تو پناه می برم.
| |
| غزالی در پاسخ نامه ای نوشت: ای پسر عاشق. [3] خلاصه نامه این است که غزالی به جوانان توصیه می کند که برای رسیدن به مقاصد دنیوی و لاف زدن به همتایان به دنبال علم نباشند، بلکه به دنبال احیای شریعت و تهذیب اخلاق باشند و به آنها یادآوری می کند که «علم. بدون عمل دیوانگی است و عمل بدون علم نیست. [4]
| |
| به نظر میرسد که این نامه در اصل توسط غزالی به فارسی نوشته شده و نامهای «فرزان نامه» و «نصیح نامه» به آن داده شده است که مرتضی الزبیدی گفته است: «و از جمله آثار ال غزالی] هستند "ای پسر،" است که در زبان فارسی، Arabized توسط برخی از محققان، و او آن را به این نام معروف به نام . " [5] متن فارسی توسط عباس الاقبال به دقت چاپ شده است . [6]
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| نسخه ها [ ویرایش ]
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| جلد چاپ اول «جواهر الغوالی» که شامل هفت نامه از غزالی است که یکی از آنها نامه «یا طفل» است - قاهره، 1343ق.
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| این نامه بارها چاپ شد و از جمله این نسخه ها:
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| • «پیام ای پسر» در: مجموعه پیام ها، تألیف محی الدین صبری الکردی - چاپ علمی کردستان ، قاهره، 1328ق / 1910م. به هزینه شیخ فرج الله الکردی چاپ شده است . [7]
| |
| • در گروه «جواهرات غوالی از نامههای امام حجتالاسلام غزالی» - چاپ شده به هزینه محیالدین صبری الکردی، مطبوعات عربی برای صاحب آن خیرالدین الزرکلی ، قاهره، چاپ اول 1343 ق.
| |
| • «پسر دوست داشتنی! نامه ای از فیلسوف حجت الاسلام ابوحامد محمد غزالی (451-505ق 1058-1111م) » تحقیق عبدالله احمد ابوزینا - دارالشروق، قاهره، چاپ اول 1975م، دوم 1490ق. م، سوم 1401 هجری قمری 1981 م و چهارم 1403 هجری قمری 1983 م.
| |
| • تحقیق «ای پسر» احمد مطلب - وزارت اوقاف و امور دینی، بغداد، 1406ق / 1986م.
| |
| • «ای طفل» تحقیق صباح محمد علی کاظم - چاپ العانی، بغداد، چاپ اول، 1408ق / 1988م.
| |
| • «ای فرزند: پیام امام غزالی به شاگردش» با تحقیق محمد محی الدین عبدالحمید - کتابخانه خدمات مدرن، جده، چاپ اول 1414ق / 1994م.
| |
| • تحقیق «یا پسر» علی محی الدین القره داغی - دارالاعتصام، قاهره، چاپ دوم 1405ق / 1985م.
| |
| • «یا پسر»: تحقیق: عبدالله شیخ حسین، دارالبیروطی، دمشق، چاپ اول، 1442ق / 2020م.
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| توضیحات [ ویرایش ]
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| این پیام چندین توضیح دارد، از جمله:
| |
| • «یا اخوی: شرح رسالت ای فرزند امام غزالی» عبدالرحمن الرومی معروف به صبری (متوفی 1139 ق) تألیف سال 1117 ق.
| |
| • «نور الظلمات ، شرح الرسالة الأمّمة غزالی» تألیف ابوسعید خادمی (متوفی 1176 ق). [8]
| |
| • تحفة الابرار شرح ای فرزند محب امام غزالی اثر نورالدین کوتیت.
| |
| • «وسیله المداد، در شرح، ای پسر» خالدی مخزومی ملقب به سلطان العلماء و به زبان فارسی است .
| |
| • شرح ای فرزند از امام غزالی توسط مؤلف ناشناس که توسط محمدهادی الشمرخی المردینی منتشر شده است (دارالکتب العلمیه، 1391).
| |
| • توضیح، ای پسر: نوشته شیخ محمد سامر، توضیح آن بخشی از مجموعه ای از درس هایی است که او در بریتانیا ارائه کرده است که در یوتیوب موجود است.
| |
| همچنین توسط محمد بن عمر بن قاسم بن اسماعیل مقری شافعی معروف به البقری (متوفی 1111ق) [9] با عنوان « نصایح الباقری »، نسخه خطی [72] کوتاه شد. 4464 در الازهر. [10]
| |
| ترجمه های او [ ویرایش ]
| |
| آلمانی | |
| • متن عربی را برای اولین بار توسط هامر برگستل مستشرق به همراه ترجمه آلمانی در لحظه ای در سال 1838 منتشر کرد. [11] [12]
| |
| ای مهربان! Die berühmte ethische Abhandlung Ghasali's. Arabisch und Deutsch, von Hammer-Purgstall. وین، 1838
| |
| ترکی
| |
| • پس از افشای شبهات، شاهزاده مصطفی بن علی، معروف به علی الشاعر، آن را به ترکی ترجمه کرد و مترجم را «تحفه الصلحا» نامید. [13]
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| • البداوی همچنین اشاره کرد که متن عربی با ترجمه ترکی توسط محمد رشید، کازان ، 1905م چاپ شده است. [14]
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| اردو
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| • ترجمه اردو صادر شده توسط دارالاشعات، پاکستان .
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| انگلیسی
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| جلد ترجمه انگلیسی توبیاس مایر.
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| • نسخه عربی-انگلیسی آن در بیروت (مطبوعات کاتولیک) در سال 1951 میلادی با ترجمه جورج شیرر منتشر شد.
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| ای مرید / غزالی ; ترجمه جورج اچ شرر ; با یک مقدمه توسط مترجم بیروت: چاپخانه کاتولیک، 1951م
| |
| • همچنین توسط توبیاس مایر - انجمن متون اسلامی، کمبریج ، 2005 میلادی به انگلیسی ترجمه شد .
| |
| نامه غزالی به شاگردی؛ نسخه دو زبانه انگلیسی-عربی ترجمه شده با مقدمه و یادداشت توسط توبیاس مایر. ; غزالی; توبیاس مایر کمبریج: انجمن متون اسلامی، 2005
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| فرانسوی
| |
| • ترجمه توفیق صباغ به فرانسوی به نام Lettre au disiple: (ایوه الولد) توسط غزالی - کمیته بین المللی ترجمه شاهکارها، بیروت 1969م .
| |
| اسپانیایی
| |
| به اسپانیایی ترجمه و در سال 1951 م در بیروت منتشر شد . [15]
| |
| O Hijo - Esteban Lator، Beyrouth: Imprimerie Catholique، 1951.
| |
| اندونزیایی
| |
| این کتاب به اندونزیایی ترجمه و در سال 2020 در جاکارتا منتشر شد.
| |
| «واهای اناکو» (ترجمه «ایوهل ولد» کاریه امام الغزالی اوله حلیمه علیدروس). تولید وفا، 1 آوریل 2020. [16] [17] [18]
| |
| جاوه ای
| |
| به جاوه ای ترجمه شد و در پاسوروان جاوا شرقی در سال 2020 منتشر شد.
| |
| «عیوحال ولد» (ترجمه بحاسا جوا «عیوحال ولد» کاریه امام الغزالی اوله نینگ سیتی خروتین). Pondok Pesantren Ngalah، 30 ژوئیه 2020. [19]
| |
| حاشیه [ ویرایش ]
| |
| 1. ↑ «ای پسر... امام غزالی» . جزیره. 4/1/1433 هجری قمری - مربوط به 30 نوامبر 2011 م. بایگانی شده از نسخه اصلی در 24 آوریل 2012 . آن را در ژانویه 2013 پس از میلاد ببینید .
| |
| 2. ↑ Ngaji Online Kitab Ayyuhal Walad bersama Ustadzah Halimah Alaydrus (Eps. 01) ، مشاهده شده در 18 دسامبر 2021
| |
| 3. ↑ «پسر دوست داشتنی» . وب سایت صوفی بایگانی شده از نسخه اصلی در 4 مارس 2016. بازیابی شده در 4 مارس 2016 . آن را در ژانویه 2013 پس از میلاد ببینید .
| |
| 4. ↑ «غزالی، ابوحامد محمد» . دایره المعارف آسان عربی . دایره المعارف شبکه دانش روستایی. 1965. بایگانی شده از نسخه اصلی در 26 آوریل 2020 . آن را در فوریه 2013 ببینید .
| |
| 5. ↑ بدوی ، صفحات 179
| |
| 6. ^ بهانه - آقا بزرگ التهرانی - قسمت 22 - صفحه 172
| |
| 7. ↑ واژه نامه انتشارات عربی - الیان سرکیس - ج 2 - صفحه 1984 ذخیره شده نسخه 16 دسامبر 2019 در سایت وای پاک شرم آور .
| |
| 8. ↑ الزرکلی، خیرالدین (مه 2002 م). پرچم ها - C 7 (ویرایش پانزدهم). بیروت: خانه علم برای میلیون ها. صفحه 68. بایگانی شده از نسخه اصلی در 9 دسامبر 2019.
| |
| 9. ↑ الزرکلی، خیرالدین (مه 2002 م). پرچم ها - C 7 (ویرایش پانزدهم). بیروت: خانه علم برای میلیون ها. صفحه 7. بایگانی شده از نسخه اصلی در 09 دسامبر 2019.
| |
| 10. ↑ بدوی ، صفحات 182
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| 11. ↑ سرکیس، یوسف الیان . فرهنگ انتشارات عربی و عربی - قسمت اول . قاهره: کتابخانه فرهنگ دینی. صفحه 1412. بایگانی شده از روی نسخه اصلی در 28 مه 2016.
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| | === ترکی === |
| | شاهزاده مصطفی بن علی، معروف به علی الشاعر، آن را به ترکی ترجمه کرد و آن را '''«تحفه الصلحا»''' نامید. ''البداوی'' همچنین اشاره کرد که متن عربی با ترجمه ترکی توسط محمد رشید، کازان به چاپ شده است. |
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| =پانویس= | | === اردو === |
| | ترجمه این کتاب به زبان نیز توسط دارالاشعات، [[پاکستان]] به چاپ رسیده است. |
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| [[رده: کتاب شناسی اهلسنت]] | | === انگلیسی === |
| [[رده: کتاب اصولی]] | | '''توبیاس مایر''' این کتاب را به [[زبان انگلیسی]] ترجمه کرد و انجمن متون اسلامی، [[کمبریج]] در سال 2005 میلادی به چاپ رساند. |
| | === فرانسوی === |
| | ترجمهٔ فرانسوی این کتاب به نام '''«Lettre au disiple»''' توسط [[توفیق صباغ]] در سال 1969م در [[بیروت]] به چاپ رسید. |
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| | === اسپانیایی === |
| | در سال 1951 م در [[بیروت]] این کتاب به زبان اسپانیایی ترجمه و منتشر شد. |
| | === اندونزیایی === |
| | این کتاب به زبان اندونزیایی ترجمه و در سال 2020 در [[جاکارتا]] منتشر شد. |
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| | === جاوهای === |
| | در سال 2020 این کتاب به جاوهای ترجمه شد و در [[پاسوروان جاوا]] شرقی منتشر شد. |
| | == منابع == |
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| | * مقدمه و فهرست کتاب. |
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| | == پانویس == |
| | {{پانویس}} |
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| | [[رده:کتابها]] |
| | [[رده:کتابهای اهل سنت]] |